उत्तराखण्ड
हल्द्वानी- ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के छात्रों ने इस डिस को बनाकर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में पेश किया अपना दावा
Haldwani news – उत्तराखंड के हल्द्वानी में आज ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी द्वारा फ्रेंच पकवान को इस ग्रुप में बनाया गया, जो कि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने की ओर अग्रसर है। फ्रेंच पकवान आजकल हर कोई पसंद करता है, देश भर में लोग फ्रेंच खाने के काफी दीवाने हैं, ऐसे ही ऐसा कारनामा कर दिखाया है, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी हल्द्वानी के होटल मैनेजमेंट के छात्रों ने, जिन्होंने कीश नाम की एक फ्रेंच डिस जिसे ओवन में बेक करके बनाई जाती है।
आज होटल मैनेजमेंट की इन्हीं छात्रों द्वारा 250 से अधिक वैरायटी के कीश को एक घंटे 45 मिनट 54 सेकंड में बनाया गया है, जो कि लिम्का वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने की तैयारी में है, संस्था के अधिकारियों ने जानकारी देते बताएं कि एक महीने की लंबी रिसर्च और योजना के बाद छात्रों ने कीश का स्कोर बनाने का फैसला किया। होटल मैनेजमेंट के छात्रों ने कीश को मशरूम, बेल पेपर, फूलगोभी से लेकर चिकन तथा फीलिंग के साथ किया, वहीं उन्होंने किसकी कुछ अन्य वैरायटी में भारतीय तड़का लगाया, जिसमें सीक कबाब, तंदूरी चिकन, चिकन टिक्का जैसी फीलिंग शामिल है। होटल में इंटर्नशिप करने के बाद यहां के होटल मैनेजमेंट के छात्र बहुत कुछ सीखने की ओर अग्रसर रहते हैं और आज उनके द्वारा फ्रेंच पकवान को इस तरीके से बनाया गया, जिसकी सभी तारीफ कर रहें हैं।
होटल मैनेजमेंट विभाग के अध्यक्ष पुनीत सिंह ने कहा कि इसके लिए उनके द्वारा बच्चों को काफी बेहतर ढंग से समझाया गया था, जिसके बाद शिक्षकों और छात्रों की टीम ने यह कोशिश की, 250 से अधिक वैरायटी का कीश बनाकर अपने नाम रिकॉर्ड हासिल करेंगे, यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ मनीष बिष्ट ने कहा कि यूनिवर्सिटी में काफी छात्र ऐसे हैं जो कि होटल में कार्य नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उनकी भूमिका अहम रही है। हम आपको बता दें कि देहरादून केंपस के बाद होटल मैनेजमेंट विभाग के अध्यक्ष अमर डबराल और उनके छात्र भी हल्द्वानी कैंपस पहुंचे, जहां उनकी 22 सदस्य टीम ने भी कीश बनाने में मदद की, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉड दर्ज करने की कोशिश जिसमें 251 तरह के कीश को बनाया गया था, वह भेज दी गई है। छात्रों का यह आईडिया अपने आप में सबसे अलग है, जिसे लोगों ने काफी सराहा है, आने वाले समय में इसी तरीके से विश्वविद्यालय के छात्रों और प्राध्यापको को और काबिल बनाने की ओर बढ़ रहा है।