उत्तराखण्ड
हल्द्वानी: दिव्यांग जीवन चंद्र जोशी के जज्बे को “मन की बात” में पीएम मोदी ने किया सलाम

हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी जीवन चंद्र जोशी की प्रेरणादायक कहानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देशभर के साथ साझा किया। प्रधानमंत्री ने पहाड़ की निर्जीव वस्तुओं में अपनी कला से जान फूंकने वाले जोशी की सराहना करते हुए कहा कि उनका जीवन साहस, आत्मनिर्भरता और कला की सच्ची मिसाल है।65 वर्षीय जीवन चंद्र जोशी हल्द्वानी के कटघरिया क्षेत्र के निवासी हैं। पोलियो से ग्रसित होने के बावजूद उन्होंने कभी अपनी शारीरिक असमर्थता को अपनी राह का रोड़ा नहीं बनने दिया। जोशी पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाने वाले चीड़ के पेड़ की सूखी छाल — बगेट — पर कला का ऐसा अद्भुत प्रदर्शन करते हैं, जिसे देश ही नहीं, विदेशों में भी सराहा जा रहा है।उनकी इस अनूठी कला के लिए उन्हें भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा सीनियर फेलोशिप से सम्मानित किया जा चुका है। वे भारत के पहले कलाकार हैं जिन्हें चीड़ की छाल पर कार्य के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ।प्रधानमंत्री की सराहना से गौरवान्वित जीवन चंद्र जोशी को शुभकामनाएं देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और नैनीताल सांसद अजय भट्ट भी उनके कला केंद्र पहुंचे। उन्होंने जोशी को बधाई देते हुए आश्वासन दिया कि उनकी किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान सरकार प्राथमिकता से करेगी।जीवन चंद्र जोशी आज न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि वे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। उनका जीवन सिखाता है कि कठिनाइयों के बीच भी लगन और मेहनत से सफलता प्राप्त की जा सकती है।








