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उत्तराखण्ड

नैनीताल : कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने जिला विकास प्राधिकरण कार्यालय का किया निरीक्षण दिए यह कड़े निर्देश…

आयुक्त कुमाऊँ व अध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण दीपक रावत ने मंगलवार को जिला विकास प्राधिकरण नैनीताल कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विकास प्राधिकरण कार्यालय में भवन मानचित्र स्वीकृति, अवैध भवनों के निर्माण पर की जा रही कार्यवाही, लंबित प्रकरणों की सुनवाई, अभिलेखों का
डिजिटलइजेशन कार्य सहित कंपाउडिंग आदि कार्यों की जानकारी लेते हुए अभिलेखों का निरिक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लंबित वादों का निस्तारण करने, अवैध निर्माण पर तत्काल उचित कार्यवाही करने, कार्यालय में दस्तावेजों का रख रखाव सही ढंग से करने और वादों को सूचीबद्ध तरीके से वर्गीकृत करते हुए अंकित करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त कुमाऊं व अध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण ने विचाराधीन वादों, पुराने नक्शों का डिजिटलाइजेशन, कंपाउंडिंग, सीलिंग, भवन मानचित्र आदि प्रकरणों की जानकारी सचिव विकास प्राधिकरण विजयनाथ शुक्ल एवं संबंधित कार्मिकों से ली। इस दौरान रिकॉर्ड रूम का भी निरीक्षण कर पात्रावलियों व अन्य अभिलेखों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरण कार्यालय अंतर्गत लंबित वादों का निस्तारण यथासमय अधिकारी करें। सबसे पुराने वाद का निस्तारण पहले हो, यह सुनिश्चित किया जाए। प्राधिकरण कार्यालय में भवन मानचित्र स्वीकृत निर्धारित तिथि के अंतर्गत हो, यह जिम्मेदारी प्राधिकरण के अधिकारियों की है। इस हेतु अधिकारी सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत कार्य संपन्न करें।

इस सम्बन्ध में आयुक्त ने मंडल के समस्त जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वह भी अपने अधीनस्थ न्यायालयों का भी निरीक्षण करते हुए लंबित वादों के निस्तारण की समीक्षा करें साथ उन्होंने उनसे विगत 1 वर्ष में इन अधीनस्थ न्यायालयों में किए गए निरीक्षण की भी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि ऐसे कार्यालय जहां आम जनता के नियमित कार्य होते हैं उनका भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाए।
आयुक्त ने निरीक्षण के दौरान लंबित वादों के बारे में जानकारी ली जो ऑफलाइन तथा ऑनलाइन हैं। इस संबंध में सचिव जिला विकास प्राधिकरण विजय नाथ शुक्ल ने अवगत कराया कि वर्तमान में कुल 2650 वाद लंबित हैं, जिसमें 1502 वाद पुराने हैं, जो ऑफलाइन हैं तथा 1148 वाद ऑनलाइन है जो विचाराधीन हैं। इस संबंध में आयुक्त/अध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण ने निर्देश दिए कि जो भी मामले लंबित हैं उनकी वर्षवार तथा श्रेणीवार सूची तैयार करते हुए एक सप्ताह में उन्हें उपलब्ध की जाए।
आयुक्त ने सबसे पुराने लंबित वाद वर्ष 1999 से वर्तमान तक लंबित वादों के बारे में वर्षवार जानकारी लेते हुए पत्रावलियों का अवलोकन भी किया। उन्होंने अनेक प्रकरणों पर वर्ष 2019 से वर्तमान तक भी सुनवाई हेतु एक भी तिथि न देने पर इसे काफी गंभीरता पूर्वक लेते हुए इस संबंध में एक सप्ताह में वादवार रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। और इस सम्बन्ध में इनके त्वरित निस्तारण हेतु सचिव एवं संयुक्त सचिव जिला विकास प्राधिकरण को अपने-अपने न्यायालय में प्रत्येक दिन कम-से-कम 60-70 तक मामलों की सुनवाई करते हुए लंबित वादों के निस्तारण के निर्देश दिए।
आयुक्त ने कहा कि लंबी अवधि तक सुनवाई हेतु तिथि न देना गंभीर लापरवाही है। इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर ऐसे प्रकरणों की सूची तैयार कर कारण सहित उन्हें उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में सूची प्राप्त न होने पर संबंधित को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। आयुक्त ने कहा कि वादों का निस्तारण न करने एवं लंबी अवधि तक तिथि न देना अवैध अतिक्रमण को बढ़ावा देना है। इस हेतु अगले 10 दिन में ऐसे मामलों पर तिथि निर्धारित करते हुए संबंधित विपक्ष के घर जाकर तामिल कराएं। इस संबंध में अध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण ने जिलाधिकारी/उपाध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण को भी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान अनेक प्रकरणों में सुनवाई के दौरान विपक्षी के बार-बार अनुपस्थित रहने पर उसे पुनः तिथि देने को भी आयुक्त ने गलत प्रक्रिया बताते हुए ऐसे प्रकरणों पर अंतिम मौका देते हुए उन्हें निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण पर नोटिस देते हुए महज खानापूर्ति न करते हुए वाद दायर कर प्रकरण की समय से सुनवाई की जाए तथा वाद का निस्तारण किया जाए। इस दौरान आयुक्त/अध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण द्वारा विगत 5 वर्षों में कंपाउंड किए गए प्रकरणों की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दिए गए।

इस दौरान उन्होंने प्राधिकरण कार्यालय के माध्यम से भवन मानचित्रों की ऑनलाइन स्वीकृति के संबंध में अवर अभियंता एवं सहायक अभियंता स्तर पर निस्तारण की कार्यवाही की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ली। *अवर अभियंता एवं सहायक अभियंता स्तर पर 30 दिन से अधिक समय तक मानचित्र स्वीकृति हेतु प्राप्त आवेदनों के निस्तारण हेतु आवश्यक कार्यवाही न करने पर तीन अवर अभियंताओं तथा एक सहायक अभियंता का स्पष्टीकरण लेते हुए निर्देश दिए की एक सप्ताह में उपरोक्त स्वयं इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें*।
 इस दौरान जिला विकास प्राधिकरण कार्यालय के विभिन्न अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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