उत्तराखण्ड
हल्द्वानी: साइबर ठगी का बड़ा खुलासा, छात्र नेता करन अरोरा समेत 13 पर मुकदमा, निकला दुबई कनेक्शन
हल्द्वानी: शहर में एक बेकरी कर्मचारी के बैंक खाते में अचानक 1.20 करोड़ रुपये का संदेहास्पद लेनदेन सामने आने के बाद साइबर ठगी का बड़ा गिरोह बेनकाब हुआ है। जांच में सामने आया कि इस गिरोह को संचालित करने वाला कोई और नहीं, बल्कि एमबीपीजी कॉलेज का छात्रसंघ का पूर्व उपसचिव करन अरोड़ा है। आरोप है कि उसने दुबई में रह रहे अपने भाई प्रियांशु के साथ मिलकर यह पूरा जाल तैयार किया।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह भोले-भाले लोगों के नाम पर चालू खाते खुलवाता और उनमें ठगी की रकम जमा कराता था। इसी क्रम में मंगलपड़ाव निवासी रमेश चंद्र, जो बनभूलपुरा की एक बेकरी में 15 वर्षों से काम कर रहे हैं, को भी शिकार बनाया गया। पहले उन्हें क्रिप्टोकरेंसी से कमाई का लालच दिया गया और फिर करन अरोड़ा से मिलवाया गया। करन ने रमेश के नाम पर चालू खाता खुलवाया, जिसमें बाद में भारी रकम का लेनदेन हुआ।
जब नोएडा पुलिस ने साइबर ठगी की जांच के दौरान रमेश के खाते को चिन्हित किया, तब हल्द्वानी पुलिस को इस रैकेट की जानकारी मिली। रमेश से पूछताछ के बाद सामने आया कि यह गिरोह न केवल उत्तराखंड में बल्कि अन्य राज्यों में भी फर्जी खातों के जरिये धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था।
मुख्य सरगना करन अरोड़ा और उसका भाई प्रियांशु इस पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहे थे। इनके साथ-साथ बेकरी मालिक साजिद सहित अनस, हसनान, कैफ, रमीज, सिकंदर हुसैन, यूसुफ, वाजिद, मोनिस और नितिन अटवाल के नाम भी इस गिरोह में सामने आए हैं। सभी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बनभूलपुरा थाना प्रभारी नीरज भाकुनी ने बताया कि “जिन 12 युवकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, वे गिरोह का संचालन करते थे। इन लोगों ने कितने चालू खाते खुलवाए और कितनों को अपने जाल में फंसाया, इसकी भी जांच की जा रही है। जल्द ही सभी की गिरफ्तारी कर पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा।” फिलहाल पुलिस ने अलग-अलग टीमें गठित कर दी हैं जो सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी हुई हैं।









