उत्तराखण्ड
नैनीताल: वृंदावन म्यूजिक एंड डांस अकादमी के प्रयासों से धरोहर को संजोता कथक
नैनीताल: भारतीय शास्त्रीय नृत्य केवल एक कला नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है। इसी धरोहर को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से वृंदावन म्यूजिक एंड डांस अकादमी द्वारा नैनीताल में आयोजित कथक कार्यशाला का आयोजन हुआ था। इस विशेष कार्यशाला में वृंदावन से पधारे प्रसिद्ध कथक नर्तक एवं कोरियोग्राफर आशीष सिंह (नृत्य मंजरी दास) ने प्रतिभागियों को कथक नृत्य की बारीकियों से अवगत कराया। कार्यशाला में तत्कार, तोड़ा, हस्तक, टुकड़ा, तिहाई, आमद, परन, गणेश परन और वंदना जैसे महत्वपूर्ण आयामों की गहन शिक्षा दी गई। नृत्य केवल शारीरिक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि भावनाओं और परंपराओं का जीवंत माध्यम है। इस अवसर पर आशीष सिंह ने कहा, “हमारी संस्कृति और परंपराएं ही हमारी असली धरोहर हैं। कथक सिर्फ एक नृत्य शैली नहीं, बल्कि इतिहास और आध्यात्मिकता का संगम है। आज के युवाओं को अपनी जड़ों से जुड़े रहकर इस कला को सीखना और आगे बढ़ाना चाहिए।”आपको बता दें कथक नृत्य भारत की प्राचीनतम कलाओं में से एक है, जिसकी जड़ें मंदिरों में हुई भक्ति परंपरा से जुड़ी हैं। समय के साथ यह नृत्य राजदरबारों में पहुंचा और आज वैश्विक मंचों तक अपनी पहचान बना चुका है। वृंदावन म्यूजिक एंड डांस अकादमी द्वारा इस कार्यशाला का आयोजन भारतीय शास्त्रीय नृत्य को संरक्षित करने और युवा पीढ़ी को इससे जोड़ने का सराहनीय प्रयास है। कार्यशाला में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण से उन्हें कथक नृत्य की बारीकियों को समझने और अपनी कला को निखारने का अवसर मिला। इस सफल आयोजन के लिए अकादमी को प्रतिभागियों एवं दर्शकों से सराहना मिली। इस तरह के आयोजनों से भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने की मुहिम को और बल मिलता है।


