कुमाऊँ
हल्द्वानी: अवैध निर्माण पर प्रशासन सख्त, सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में 100 वर्ग गज से कम क्षेत्रफल वाले प्लॉटों की जांच शुरू

हल्द्वानी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में हल्द्वानी क्षेत्र में अवैध निर्माण एवं बिना मानचित्र स्वीकृति के किए गए रजिस्ट्री बैनामों की जांच शुरू हो गई है। शनिवार को जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण द्वारा दो टीमों का गठन कर 100 वर्ग गज से कम क्षेत्रफल वाले प्लॉटों का सर्वेक्षण और सत्यापन कार्य प्रारंभ किया गया।
सिटी मजिस्ट्रेट ए.पी. बाजपेयी के नेतृत्व में गठित टीम ने ग्राम देवला तल्ला पंजाया, गौलापार में कुल 18 प्लॉटों की जांच की। इनमें से 11 प्लॉटों की रजिस्ट्री की प्रति उपलब्ध कराई गई, परंतु केवल 2 मामलों में ही मानचित्र स्वीकृति प्राप्त पाई गई। जांच में यह भी सामने आया कि 3 व्यक्तियों ने स्टाम्प पर भूमि क्रय-विक्रय की है जबकि 20 लोगों ने राजकीय भूमि पर अवैध निर्माण कर रखा है। जब टीम द्वारा अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा गया तो संबंधित व्यक्तियों ने दस्तावेज नहीं दिए, जिसके उपरांत राजस्व विभाग के माध्यम से उपजिलाधिकारी को सूचित किया गया।
इसके पश्चात टीम ने ग्राम गौजाजाली (उत्तर बरेली रोड) क्षेत्र में 22 प्लॉटों का सत्यापन किया। इसमें 10 मामलों में मानचित्र स्वीकृति नहीं मिली जबकि अन्य 12 मामलों में लोगों ने मानचित्र शर्तों का उल्लंघन करते हुए सैटबैक और मार्गाधिकार में निर्माण कर लिया था।
दूसरी ओर, जिला विकास प्राधिकरण के सचिव विजय नाथ शुक्ल के नेतृत्व में चलाए गए अभियान में नैनीताल बूचड़खाना क्षेत्र में 25 और श्यामखेत में 20 लोगों द्वारा नक्शा न प्रस्तुत किए जाने की पुष्टि हुई है।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि सत्यापन कार्य पूर्ण होने के उपरांत उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम एवं उत्तराखंड भवन उपविधियों के उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सत्यापन कार्य में अवर अभियंता हेम उपाध्याय, आशुतोष कुरियाल, प्रेरणा नैनवाल, प्रदीप अवस्थी, समीर अहमद, रिया डालाकोटी सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।







