उत्तराखण्ड
बरसात में उफनती नदी, 20 हजार की आबादी व आठ साल बाद भी नहीं बना पाया पुल… मुंह ताकते ग्रामीण।
उत्तराखंड के पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, तो वही अल्मोड़ा के सेराघाट इलाके की लगभग 20 हजार की आबादी को आठ साल से लटके पुल निर्माण का दंश झेलना पड़ रहा है।
सेराघाट-कुंज किमोला सड़क मार्ग हर बार बारिश के चलते चार से पांच महीने के लिए बंद करना पड़ता है। इन दिनों स्थानीय लोगों की बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं, पहाड़ों में लगातार बारिश के चलते सभी नदी-नाले व बरसाती रपटे उफान पर हैं। सेराघाट स्थित सरयू व जैगन नदियों का जल स्तर बढ़ने से उफान पर बह रही हैं।
नदियों के उफान पर बहने से आसपास रहने वाले लोगों की धड़कनें बढ़ने लगती हैं, जैगन नदी का जल स्तर बढ़ने की वजह से मोटरमार्ग पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। मोटरमार्ग बंद होने के चलते सभी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। आवाजाही ठप होने के चलते नदी के उस पार लगभग दो दर्जन गांव के ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सेराघाट-कुंज किमोली मोटर मार्ग सन 2013 से निर्माणाधीन है।
90 मीटर लंबा पुल जैगन नदी पर प्रस्तावित है, पुल की स्वीकृति पांच साल पहले ही मिल गई थी। सरकार के सुस्त रवैये के चलते पुल अब तक नहीं बन पाया, जिसके चलते मोटरमार्ग का निर्माण कार्य अब अधर में लटक गया है।