उत्तराखण्ड
हल्द्वानी: जल श्रोतों के पुनर्जनन और ग्रामीण रोजगार को मिलेगी प्राथमिकता: शंकर कोरंगा

हल्द्वानी: उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय जलागम परिषद के उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा ने शनिवार को उप निदेशक, उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना (UCRRFP), नैनीताल प्रभाग के हल्द्वानी स्थित कार्यालय का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त की और जलागम विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
परियोजना निदेशक डॉ. एस.के. उपाध्याय द्वारा उपाध्यक्ष का स्वागत किया गया और पावर पॉइंट प्रेजेन्टेशन एवं डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से विभाग की प्रमुख योजनाओं जैसे UCRRFP, स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन ऑथोरिटी (SARRA), और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY, WDC-2.0) की विस्तृत जानकारी दी गई।
उपाध्यक्ष कोरंगा ने कहा कि पूर्व में संचालित जलागम योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन आया है। उन्होंने विशेष रूप से नौले, धारा और गधेरों के पुनर्जनन को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही। साथ ही ग्रामीण युवाओं को प्लम्बिंग, इलैक्ट्रिशियन, लोहारगिरी, बढ़ईगिरी तथा मोबाइल रिपेयरिंग जैसे रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाने पर बल दिया ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में कृषकों की आमदनी बढ़ाने के लिए अधिक उत्पादकता वाली बीज प्रजातियों के उत्पादन, उन्नत नस्ल की बकरी पालन तथा कुक्कुट व्यवसाय के समग्र नियोजन की आवश्यकता बताई।
शंकर कोरंगा ने बताया कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में जल श्रोतों के संरक्षण में जनसहभागिता को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी दिशा में राज्य सरकार विश्व बैंक की सहायता से 1000 करोड़ की लागत से उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना संचालित कर रही है, जिसका नियोजन कार्य प्रगति पर है। पंचायतों के गठन के उपरान्त यह परियोजना ग्राम पंचायतों में क्रियान्वित की जाएगी। बैठक में विषय वस्तु विशेषज्ञ (उद्यान) दीपक साह, यूनिट अधिकारी हरेन्द्र सिंह बिष्ट, गोपाल सिंह जलाल एवं विभागीय कंसलटेंट सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।







