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उत्तराखण्ड

हल्द्वानी- एचएमटी (HMT) की जमीन राज्य सरकार को हुई हस्तांतरित, जानिए क्या बोले भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और कुमाऊं कमिश्नर

Haldwani news उत्तराखंड को डबल इंजन सरकार की एक और सौगात मिल गई है, केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने हल्द्वानी में स्थित रानीबाग एचएमटी की 45.33 एकड़ जमीन उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित कर दी है, माना जा रहा है कि इस जमीन पर आने वाले दिनों में मिनी सिडकुल की स्थापना की जा सकती है…

केंद्र सरकार ने रानीबाग हल्द्वानी में स्थित एचएमटी की 45.33 एकड़ जमीन उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित कर दी है… इसके बाद अब इस जमीन पर औद्योगिक विकास और नए उद्योगों स्थापना का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि उत्तराखंड सरकार लंबे समय से इस जमीन को लेने का प्रयास कर रही थी, कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री से भी मिले थे, इस जमीन के बदले राज्य सरकार केंद्र को 72 करोड 2 लाख 10 हज़ार रूपये रिजर्व प्राइस के रूप में देगी, एचएमटी की जमीन उत्तराखंड सरकार को मिलना एक बड़ी उपलब्धि के रूप में गिना जा रहा हैं, जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया है।

एचएमटी की 45.33 एकड़ जमीन उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित होने के बाद नए उद्योग के लगने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है, माना जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार यहां सिडकुल को स्थापित कर सकती है जिससे नए लोगों को रोजगार मिलेगा, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के मुताबिक उत्तराखंड के लिहाज से जो भी बहुत अच्छी इंडस्ट्री सर्विस हो सकती हैं उनको यहां स्थापित करने के लिहाज़ से प्रयास किया जाएगा…

एचएमटी को जानिए-

सन 1982 में एनडी तिवारी ने भारत सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहते हुए इस एचएमटी घड़ी कारखाने को काठगोदाम के रानीबाग में शिलान्यास कर लगवाया था। फैक्ट्री के काम शुरू करने के बाद एक समय ऐसा था जब इस फैक्ट्री ने एक वर्ष में 20 लाख घड़ियों का कारोबार किया था और इसे देश के नौ रत्नों में गिना जाता था। बाद में सन 1991 में टाइटन घड़ियों के आने के बाद इस फैक्ट्री के कारोबार को थोड़ा झटका लगा और धीरे धीरे ये गर्त में चली गई। यहाँ काम करने वाले 513 कर्मचारियों को वौलन्ट्री रिटायरमेंट दे दिया गया, यहाँ देश दुनिया की लोकप्रिय घड़ियाँ बनती थी। यहाँ जनता, पाइलट, कोहिनूर, तेजस, चिराग, रवि, जयंत, आकाश जैसे दर्जनों मॉडल बनाये जाते थे। लेकिन विश्व में घडियो से भारत की पहचान बनाने वाली एचएमटी घड़ी कारखाने को लगातार घाटे में रहने की वज़ह से 6 जनवरी 2016 को बंद करने का निर्णय लेना पड़ा, जिसके बाद रानीबाग एचएमटी घड़ी फैक्ट्री के अच्छे दिन आने की सम्भावना लगभग समाप्त हो गई।

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