उत्तराखण्ड
हल्द्वानी- दमुवाढूंगा वासीयों की जगी उम्मीद, हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से मांगा चार हफ्ते में जवाब
हाईकोर्ट नैनीताल ने हल्द्वानी के दमुवाढूंगा क्षेत्र के लोगों को मालिकाना हक देने संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार से 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए हैं। साथ ही कोर्ट ने मामले में नगर निगम हल्द्वानी को भी पक्षकार बनाने के आदेश पारित किए हैं। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद दमुवादुंगा वासीयों को उन्हें काबिज भूमि में भूमिधरी का अधिकार मिलने की उम्मीद जगी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन संगी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष
बुधवार को दमुवादुंगा क्षेत्र के लोगों को मालिकाना हक देने को लेकर हल्द्वानी काठगोदाम पालीसीट निवासी दीपक बल्यूटिया की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता दीपक बल्यूटिया की ओर से उनके अधिवक्ता ने खंडपीठ के समक्ष पक्ष रखते हुए बताया कि जवाहर ज्योति दमुवादूंगा का कुल क्षेत्र 650 एकड़ में फैला हुआ है। यहां 7000 से अधिक परिवार निवास करते हैं। दिनांक 6/7/1969 को इस क्षेत्र में ग्राम पंचायत का गठन हुआ। उस समय यह क्षेत्र आरक्षित वन श्रेणी में आता था जिस कारण बंदोबस्ती का कार्य नहीं किया जा सका। 30/12/2015 को इस आरक्षित वन क्षेत्र से अनारक्षित भूमि के रूप में परिवर्तित किया गया। दिनांक 15/12/2016 को इसे पृथक राजस्व ग्राम बनाए जाने की स्वीकृति राज्यपाल द्वारा दी गई। दिनांक 26/12/2016 को राज्यपाल महोदय के आदेश में इस क्षेत्र के अवैध कबजेदारों को विहित प्रक्रिया द्वारा उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की धारा 131 के अंतर्गत भूमिधर घोषित किए जाने का आदेश दिया।
इसके बाद उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1901 की धारा 48 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जवाहर ज्योति दमुवादूंगा को सर्वेक्षण एवं अभिलेख क्रियाओं के अधीन किया गया। अर्थात भूमि संबंधी अभिलेख तैयार करने हेतु बंदोबस्ती का प्रावधान किया गया। परंतु सरकार द्वारा बिना किसी वैध कारण के बंदोबस्ती शुरू होने से पूर्व ही दिनांक 13/5/2020 की अधिसूचना से संपूर्ण कार्रवाई पर रोक लगा दी। अर्थात दमुवाडूंगा के लोगों को उनके भाग्य भरोसे छोड़ दिया गया। कोर्ट ने इस दिशा में आज तक कोई कार्रवाई नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सचिव राजस्व को इस संबंध में चार हफ्ते के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश पारित किए।
साथ ही याचिकाकर्ता को इस प्रकरण में हल्द्वानी नगर निगम को भी विपक्षी के रूप में पक्षकार बनाने के आदेश पारित करते हुए शपथ पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए। कोर्ट के इस आदेश के बाद जवाहर ज्योति दमुवादुंगा क्षेत्र में रह रहे हजारों लोगों को भूमि धरी का अधिकार मिलने की आस जगी है।