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आध्यात्मिक

हल्द्वानी- धूमधाम से मनाया गया गोवर्धन पर्व, जानिए क्या हैं मान्यताएं…

पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखंड के हल्द्वानी में भी आज गोवर्धन पूजा को बड़े ही हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया गया, इस मौके पर गोवर्धन जी का श्रृंगार… आकर्षण का केंद्र रहा, शहर के प्रतिष्ठित व्यवसाई राजेश अग्रवाल के निवास पर गोवर्धन पूजा मनाई गई, इस दौरान उनके परिवार के लोग और पारिवारिक मित्र शामिल हुए, दिवाली की अगले दिन पूरे देश में गोवर्धन पर्व मनाया जाता है, लेकिन बृज में इसका खास महत्व है, प्रभु श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में विशेष रुप से गोवर्धन पूजा होती है, इस दिन गाय पूजन का भी अपना एक अलग महत्व है। गोवर्धन की पूजा भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी है, आज ही के दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव के अहंकार को चकनाचूर कर दिया था।

बताया जाता है कि गोवर्धन पूजा को लोग अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन की पूजा होती है, इस दिन गोवर्धन पर्वत गोधन यानी गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। आज के दिन भगवान श्री कृष्ण ने वरुण देव, इंद्र देव, अग्नि देव आदि देवताओं की पूजा का भी विधान रखा था, इस दौरान व्यवसाई राजेश अग्रवाल ने कहा कि भगवान श्री गोवर्धन की पूजा में विभिन्न प्रकार के अन्न समर्पित किए जाते हैं, इसी वजह से इस त्यौहार को अन्नकूट भी कहा जाता है।

यहां पर तरह-तरह की मिठाइयां और पकवान भगवान गोवर्धन को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है, ऐसी धार्मिक मान्यताएं हैं कि आज के दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अभिमान चूर कर दिया था, भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर गोकुल वासियों की इंद्र से रक्षा की थी और तभी से गोवर्धन पूजा की प्रथा चली आ रही है, जिसे अन्नकूट त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है। व्यवसाई राजेश अग्रवाल ने गोवर्धन पूजा के मौके पर सभी के सुख समृद्धि और देश को कोविड-19 से पूरी तरह मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की, पूजा के दौरान उनकी पत्नी उनके सुपुत्र और उनके पारिवारिक मित्र शामिल रहे।

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