उत्तराखण्ड
कुंभ में हुए कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़ा अब आया रडार पर, जाँच की बाजीगरी में जुटे अधिकारी…
हरिद्वार कुंभ का जिन्न अब धीरे-धीरे बाहर आने लगा है, कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना जांच में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। आईसीएमआर के निर्देश पर हरिद्वार जिलाधिकारी ने कोरोना टेस्ट में गड़बड़ी की जांच के लिए अधिकारियों की समिति बना दी है।
पूरा मामला हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान कोविड टेस्ट कर रहीं निजी लैब से जुड़ा है, स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एक निजी लैब ने टेस्ट की संख्या ज्यादा दिखाने के लिए फर्जी आधार कार्ड जमा करके टेस्ट किए, वही अब इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी जांच के बाद अनिमित्ताये पाए जाने पर कठोर कार्यवाई की बात कर रहे है।
कुम्भ मेला 2021 में निजी लैब द्वारा की गई कोरोना जांच अब सवालों के घेरे में आ गई है। निजी लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रदालुओ की जांच कर कुम्भ मेला प्रशासन को लाखों रुपयों का चूना लगाने का प्रयास किया गया है। इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर कई श्रद्धालुओ की जांच रिपोर्ट में डाला गया है, कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है, वही एक ही घर से सैकड़ो लोगो की जांच का मामला सामने आया है, जो कि असंभव सा लगता है।
फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब पंजाब के एक युवक को हरिद्वार से निजी लैब ने कोरोना की जांच रिपोर्ट भेज दी, जबकि युवक हरिद्वार कुम्भ मेले में शिरकत करने भी नही पहुचा था। उक्त युवक द्वारा इस मामले की शिकायत आईसीएमआर से की गई, जिसके बाद आईसीएमआर ने जांच के निर्देश जारी किए गए थे।
इस प्रकरण पर हरिद्वार कुम्भ 2021 के दौरान कुम्भ मेलाधिकारी स्वास्थ्य का कार्यभार संभालने वाले डॉ सेंगर का कहना है कि कुम्भ मेले के दौरान निजी लैब पैनलबद्ध थी, सीएमओ और कुम्भ मेले स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसमे जांच में सामने आया है, कि किसी लैब द्वारा गलत डाटा उपलब्ध कराया गया है। इस मामले में विभाग द्वारा जांच की जा रही है इसमे मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में जांच की जा रही है जांच के बाद ही प्रकरण में करवाई की जाएगी। कुम्भ मेले के दौरान सीएमओ हरिद्वार और कुम्भ मेला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच कराई गई है इसमे हमारे यहां से करीब 2 लाख 51 हज़ार कोरोना संक्रमण की जांच की गई है। कुम्भ मेले के दौरान करीब 24 लैब से जांच कराई गई थी इसमे 10 प्राइवेट लैब कुम्भ मेले स्वास्थ्य विभाग द्वारा पैनलबद्ध की गई थी और मेरी जानकारी के अनुसार 14 लैब सीएमओ हरिद्वार की तरफ से पैनलबद्ध की गई थी। अभी प्राइवेट लैब को जांच की पेमेंट नही की गई है, जांच पूरी होने के बाद मामले में नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी।
सवाल ये उठने लाज़मी हैं कि मेलाधिकारी द्वारा इस तरह के प्राइवेट लैब को काम देना जिनको फर्जीवाड़े में महारथ हासिल हो, मेलाधिकारी के कार्यशैली पर सवाल जरूर उठाता है। या फिर मेलाधिकारी अपने वीडियो बनवाने व वायरल करवाने में व्यस्त थे…? जांच में आज तक क्या हुआ सबकों पता है, पर कुंभ के चलते कोविड का फैलना भी इस तरह के लैबो को बढ़ावा देना हो सकता है।