उत्तराखण्ड
कोरोना खत्म नहीं हुआ, पर डर जरूर खत्म हो गया…
कोरोना के केस कम आने पर नैनीताल जिले में प्रशासन की ओर से बाजार खुलने को लेकर थोड़ी छूट क्या मिली। लोग नियम कायदे ही भूल गए। बाजारों में असावधानी, संकड़े रास्तों में दुकानों के बाहर भीड़, वाहनों की रेलमपेल से सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह गायब नजर आ रही है। शासन के आदेश के अनुसार शुक्रवार को शाम 5 बजे तक बाजार खुले रहने की व्यापारियों को अनुमति दी गई थी, लेकिन इस दौरान बाजार का नजारा देख बस यही बात समझ आई कि कोरोना भले ही खत्म नहीं हुआ, लेकिन इसका डर जरूर खत्म हो गया है।
सड़कों पर ट्रैफिक के हाल बेहद चिंताजनक हैं। बाजारों में जिस तरह से लोग निकल रहे हैं, उससे कोरोना के फिर से बढ़ने की आशंका पैदा हो रही है। शहर की सड़कों पर जहां देखो, बस लोग ही लोग नजर आ रहे थे। न सोशल डिस्टेंसिंग की चिंता है न बिना मास्क चालान कटने का डर।
शहर के प्रमुख रास्तों पर यातायात बाधित हुआ पड़ा है। छोटे प्रतिष्ठानों में सैनेटाइजेशन आदि का ध्यान नहीं रखा जाता। ऐसे में कोरोना को रोकने के प्रयास बेमानी ही नजर आते हैं।
सब्जी मंडी में नो डिस्टेंसिंग
शहर की मंगल पड़ाव स्थित सब्जी मंडी में भी जन अनुशासन भंग पड़ा है। सब्जी फलों के दाम बताकर शोर मचाते विक्रेता के ठेले पर मोल भाव करते ग्राहक आपस में दूरी भूलते नजर आए। ऐसे में यहां लोगों का बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए आना बेहद खतरनाक है।
पटेल चौक से लेकर कारखाना बाजार भी गुलजार
शहर का प्रमुख बाजार है पटेल चौक। जहां बड़ी संख्या में किराना, कपड़ों व अन्य सामान की दुकानें हैं। इस संकरे बाजार में दोनों तरफ वाहन और लोगों के पैदल निकने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग की गुंजाइश ही खत्म हो जाती है। वहीं कारखाना बाजार भी कई दिनों बाद गुलजार नजर आया।