उत्तराखण्ड
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखाते यह कैबिनेट मंत्री…
हल्द्वानी: कोविड को लेकर एक तरफ जहां प्रदेश सरकार लगातार गाइडलाइन जारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ उनके अपने ही मंत्री सरकार के मंसूबों पर पानी फेरते नज़र आ रहे हैं। सार्वजनिक तौर पर उनके मंत्री बिना मास्क पहने लोगों को संबोधित कर रहे हैं। जिससे संक्रमण को लेकर सरकारी तंत्र की जागरूकता वाली बातें निरर्थक साबित हो रही हैं।
यह पूरा मामला है हल्द्वानी के जीतपुर नेगी का, जहां कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत बिना मास्क के जनता की समस्या सुनते नज़र आए। वहीं रोजाना मास्क न पहनने वालों के चालान काट कार्रवाई करने वाला प्रशासन भी लाचार बेबस मंत्री जी की सेवा में मुस्तैद रहा। कार्यक्रम में कई आलाधिकारी बस मौन ही दिखाई दिए। क्योंकि नैनीताल जिले में मलाईदार पोस्टिंग पर रहना है तो जी-हुजूरी भी जरूरी है। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या आम आदमी पर लगने वाले कायदे कानून मंत्री महोदय पर लागू नही होते…?
यह पहला मामला नहीं है जब बंशीधर भगत सार्वजनिक तौर पर बिना मास्क पहने दिखाई दिए हैं। इससे पहले भी वो मास्क लेकर कई बार मीडिया के निशाने पर आ चुके हैं। वो भी तब जबकि बंशीधर भगत पर नैनीताल जिले के कोविड प्रभारी मंत्री का दायित्व है। ऐसे में मंत्री जी का खुद कोविड को लेकर संजीदा न होना गैर जिम्मेदाराना रवैय्ये को दर्शाता है। मंत्री जी से कोविड से रोकथाम की उम्मीद भी अब कैसे कर सकते हैं। जनता के पास ऐसे ही कई सवाल हैं, लेकिन सरकार पर केवल एक जवाब है वो है सिर्फ…कोविड…
कोविड ने सरकार की विफलताओं को ढक दिया है। यानि पिछले चार सालों की नाकामियों पर पर्दा डालने का काम किया है। वहीं, कोविड के दौरान सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल उठाकर विपक्ष नाकामियां गिना रहा है। अब देखना ये है कि इन नाकामियों के बीज आने वाले विधानसभा चुनाव में कितने गुल खिलाएगी।