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उत्तराखण्ड

हल्द्वानी- सशक्त भू-कानून, कैलाश पर्वत दर्शन समेत धामी सरकार के तीन साल पर बोले भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी ने बताया कि उत्तराखंड में मजबूत भू कानून को लेकर पुष्कर धामी सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्य में भूमि की खरीद-फरोख्त पर बेहतर नियंत्रण हो सके और राज्य के स्थानीय निवासियों के हितों की सुरक्षा की जा सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बढ़ते बाहरी निवेश और भूमि अधिग्रहण के चलते, राज्य की देवतुल्य जनता द्वारा यह मांग उठाई गई है कि राज्य के निवासियों के लिए भूमि से संबंधित कड़े नियम बनाए जाएं, जिससे भूमि की अंधाधुंध खरीद-फरोख्त रोकी जा सके और पर्यावरण तथा जनसांख्यिकीय संतुलन बना रहे। जिसके बाद धामी सरकार ने इस दिशा में विशेषज्ञ समितियों का गठन किया है जो वर्तमान कानूनों का अध्ययन कर नई सिफारिशें पेश कर रही हैं। हेमंत द्विवेदी ने बताया कि नए भू कानून के तहत भूमि के बाहरी निवेशकों द्वारा अधिग्रहण की सीमा तय करने, स्थानीय निवासियों को भूमि खरीदने में प्राथमिकता देने और अचल संपत्ति से जुड़े विवादों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करने के प्रावधान हो सकते हैं।वही प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि भारत की भूमि से ही पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन करने का शिव भक्तों का सपना पहले नवरात्रि से पूरा हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन यात्रियों के पांच सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ जिले में स्थित ओल्ड लिपुलेख से माउण्ट कैलाश के दर्शन किए। कैलाश पर्वत के दिव्य दर्शन से श्रृद्धालु भाव विभोर हो उठे। केन्द्र सरकार से हरी झण्डी मिलने के बाद पुष्कर धामी सरकार ने यात्रा के सफल संचालन के लिए कमर कस ली। कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने इसके लिए बाकायदा एक टूर पैकेज घोषित किया है। उत्तराखण्ड विकास परिषद की पहल पर कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने माउण्ट कैलाश के दर्शन के लिए 5 दिवसीय टूर पैकेज बनाया है। साथ ही प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी ने बताया कि पुष्कर सिंह धामी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। सड़कें प्रगति का आधार होती हैं, इसलिए हमारी सरकार का संकल्प है कि प्रत्येक गांव तक सडक पहुंचे। साथ ही सड़क मार्ग से वंचित शेष गांवों तक भी सड़क पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि राज्य की धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल के दौरान पीएमजीएसवाई में उत्तराखण्ड में कुल 1481 किमी लंबाई युक्त 519 सड़कों का निर्माण किया गया, जिस कारण 250 सौ से अधिक आबादी वाले 35 नए गांवों तक सड़क पहुंच पाई। धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में जहां योजना के तहत कुल 1481 किमी लम्बाई युक्त 519 नई सड़कों और 195 सेतुओं का निर्माण किया गया, वहीं पहले से निर्मित 159 किमी लंबी 61 ग्रामीण सड़कों का भी अपग्रेडेशन किया गया। इन सड़कों और पुलों के निर्माण पर कुल 2310 करोड़ रुपए व्यय किए गए। धामी सरकार के दौरान 250 से अधिक जनसंख्या की 35 बसावटों को सड़क से जोड़कर ग्रामीणों की आवाजाही सुगम की गई है। योजना के तहत प्रथम और दूसरे चरण के कार्य अब पूरे होने की स्थिति में पहुंच गए हैं, अब पीएमजीएसवाई तृतीय चरण के तहत पूर्व में निर्मित सड़कों के अपग्रेडेशन के लिए 1824 करोड़ रुपए की स्वीकृति भारत सरकार से मिल गई है, इसके तहत कुल 2288 किमी लंबी सड़कों का अपग्रेडेशन किया जाना है। इसके अलावा उन्होंने कहा वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सड़क से वंचित आठ बसावटों को सड़क सम्पर्क से जोड़े जाने के लिए 119 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है। इसके बाद प्रदेश में 150 से कम जनसंख्या की कुल 1796 बसावटें ही ऐसी रह गई हैं, जहां सड़क नहीं पहुंच पाई है। वही उन्होंने बताया प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना दिसम्बर, 2000 में केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने प्रारम्भ की थी। योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ना है। यह योजना 90 प्रतिशत केंद्र पोषित है, शेष दस प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार का होता है। योजना के प्रारंभ होने से अब तक उत्तराखण्ड में कुल 2329 सड़कों और 312 पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। योजना पर अब तक कुल 10183 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जिसके फल स्वरूप 250 से अधिक जनसंख्या वाली 1846 बसावटों को सड़क से जोड़ा जा चुका है।

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