उत्तराखण्ड
नगर निगम बोर्ड बैठक में पार्षद ने निकाल ली चप्पल, दो गुटों में बंटे पार्षद, हुई तीखी नोंकझोंक…(वीडियो)
नगर निगम के सभागार में बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया, बैठक के दौरान पार्षद दो गुटों में बंटे हुए नजर आए, इस दौरान कई प्रस्ताव पर दोनों गुटों के बीच तीखी नोंक-झोंक भी हुई, वहीं भारी विरोध के बाद बजट पास किया गया, वहीं बजट के विरोध में भाजपा के कुछ पार्षद रहे, वहीं अधिकतर पार्षद बजट के पक्ष में नजर आए, हालांकि बैठक के दौरान एक पार्षद ने उनके क्षेत्र में काम न होने से नाराज अपने पैर से चप्पल ही निकाल ली। बता दें कि नगर निगम रूड़की में हुई बोर्ड बैठक का नजारा कुछ अलग ही देखने को मिला है,
दरअसल जहां पहले मेयर समर्थित और विरोधी पार्षदों के दो गुट हुआ करते थे और उनके बीच नोक-झोंक होती थी आज हुई इस बैठक में वह पार्षद ही दो गुटों में बंटे हुए दिखाई दिए, वहीं जो पार्षद पहले एक सुर में बोलते थे आज बोर्ड बैठक का यह नजारा चौंकाने वाला था, वहीं बोर्ड बैठक शुरू होने पर सबसे पहले प्रस्ताव संख्या 526 रखा गया, जिसमें गत बोर्ड बैठक की पुष्टि का था, जिसमें पार्षदों के एक गुट ने आपत्ति जताई, वहीं 527 में वार्षिक बजट रखा गया, जिसमें भी पार्षदों के एक गुट जो कि भाजपा के थे उनकी ओर से विवेक चौधरी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि करीब 110 करोड़ का बजट पास हो जाएगा, लेकिन गत वर्ष की तरह कार्यों का पता नही लगेगा और किसी पार्षद का कार्य नही होता, विवेक चौधरी की आपत्ति पर करीब 15 से अधिक पार्षदों ने साथ दिया,
लेकिन विरोध में दूसरे गुट में अन्य पार्षदों ने बजट पास करने पर सहमति जताई, इस दौरान दोनों गुटों के बीच जमकर नोक-झोंक भी हुई। इसके आलावा विकास के अधिकतर प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास किया गया, आउटसोर्स कर्मचारियों के खाते में पीएफ और ईएसआई न जाने का पार्षदों ने विरोध किया, तो मेयर गौरव गोयल ने इसका समर्थन करते हुए ऐसी एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही जो कर्मचारियों का पैसा नही दे रहा है, आवारा पशुओं के लिए बन रहे भवन के बारे में चर्चा हुई, पार्षदों ने स्ट्रीट लाइट की समस्या को दूर करने के लिए कर्मचारियों की बढ़ोतरी करने की बात कही, वहीं तीन वर्ष पूर्व पास हुई हाईमास्क लाइट अब तक न लगने पर आपत्ति जताई, इसके साथ ही चिकित्सकों के लिए भी आवास बनाए जाने की मांग कुछ पार्षदों ने उठाई, पार्षद रविंद्र खन्ना ने सेल्फ असेसमेंट टैक्स हरिद्वार से रुड़की में दोगुना होने की बात कही, उन्होंने कहा की टैक्स यहां भी कम होना चाहिए, सहायक नगर आयुक्त एसपी गुप्ता ने कहा कि यह टैक्स 2015 में बोर्ड ने सर्वसम्मति से पास किया था इसमें अब क्या किया जा सकता है, शहर में छह स्थानों अपर अंडरग्राउंड डस्टबिन बनाए जाने का प्रस्ताव पास हुआ, पार्षद सचिन चौधरी ने वार्ड में लाईटों की समस्या उठाई और लगातार मांग करने पर लाईटें न मिलने पर नाराजगी जताई,
इसके साथ ही दिल्ली हाईवे पर बन रहे नाले का पानी उनके वार्ड में छोड़े जाने का विरोध जताया और नाले को पूरा बनाने की मांग की, उन्होंने कहा कि नाले का पानी उनके वार्ड में छोड़ा गया तो वह किसी स्तर से भी विरोध करने से पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि बोर्ड बैठक के दौरान पार्षद पंकज सतेजा द्वारा अपने पैर से चप्पल निकाल ली गई, उनका कहना था कि बोर्ड बैठक में प्रस्ताव तो पास कर दिए जाते हैं लेकिन उसके बाद निगम के चक्कर काट-काट कर चप्पलें घिस जाती हैं, बावजूद इसके कोई भी कार्य नहीं किया जाता है, पार्षद ने यहां तक कह डाला कि उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। बताते चलें, रुड़की नगर निगम में भाजपा पार्षदों की संख्या 29 है, बीते रोज विधायक और जिलाध्यक्ष ने पार्षदों के साथ बैठक कर एकजुट होकर अपना पक्ष रखने की बात कही थी, लेकिन इसके बावजूद भी बैठक में सभी पार्षद बिखरे नजर आए, करीब नौ पार्षद एक सुर में और बाकी दूसरे सुर में बोलते नजर आए, अगर भाजपा के पार्षद एकजुट होते तो बजट बहुमत के साथ पास न होता।
रुड़की मेयर गौरव गोयल ने बताया की शहर के विकास के लिए लगभग सभी प्रस्ताव पास हो चुके हैं, कुछ प्रस्ताव को अभी रोक दिया गया है, शहर का विकास सर्वोपरि है, जल्द ही शहर में सड़कों, लाइटों, नालों का निर्माण जल्द पूरा करा दिया जाएगा, आउटसोर्स कर्मचारियों को ईपीएफ और ईएसआई नहीं मिल पा रहा है, उसके लिए भी निगम कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं, आज बोर्ड बैठक में सभी पार्षदों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में विकास कराने की मांग की गई, इसके अलावा सभी प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है।