उत्तराखण्ड
ये जनता है सब जानती है साहब… भाजपा मुफ्त की राजनीति में उतरी, कांग्रेस बनी जनता की आवाज
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा द्वारा वोटरों को साधने के लिए नए-नए तरीके खोजे जा रहे है। राज्य ही नही केन्द्र सरकार भी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद संजीदा नज़र आ रही है। राज्य सरकार द्वारा बिजली फ्री की घोषणा भी सिर्फ चुनावी जुमला है।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड व पंजाब समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव होने है, जिसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कैबिनेट में मंत्रियों की फौज सामिल की गई है, तांकि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य को राजनीतिक रूप से शिकंजे में ले सकें। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव व उत्तराखण्ड में हरीश रावत द्वारा पिछले पांच सालों हिसाब भाजपा से लिया जाएगा।
उत्तराखण्ड में भाजपा द्वारा जनता को मुंगेरीलाल के हसीन सपने तो दिखाए जा रहें हैं, पर धरातल पर काम कब होगा वह उन्हें भी पता नहीं है। यह चुनावी जुमले अभी चुनाव होने तक आते रहेंगे, क्योंकि सत्ता में काबिज भाजपा अभी पावर में है।
पर्वतीय व मैदानी वोटरों को अपने पक्ष में घेरने का मास्टर प्लान भाजपा ने जरूर बना लिया होगा, पर जनता भी अब बहकावे और सपनों से जाग चुकी है, भाजपा द्वारा पिछले विधानसभा चुनाव में किये गए वादे अभी पूरे नहीं हो पाए है अब आगामी विधानसभा चुनाव में वादों की फेहरिस्त तैयार करने में जुट चुकी है।
पिछले विधानसभा चुनाव के प्रचार में प्रधानमंत्री महोदय द्वरा डबल इंजन की सरकार के नाम से देवभूमि की सज्जन जनता को छलने व बड़े-बड़े सपने तो जरूर दिखाए गए थे, उन सब वादों को स्थानीय जनता व देवतुल्य मतदाताओं ने जहन में अच्छी तरह संजोए रखें हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को घेरने के लिए भाजपा जरूर घेरेबंदी की जुगद में जुट चुकी है। हरीश रावत ही एक ऐसा राजनेता है जो भाजपा के खोखले दावों की पोल खोलने व जनता को डबल इंजन के सरकार की हकीकत से वाकिफ करवाने का काम करेंगे।