उत्तराखण्ड
भीमताल: ई-कॉमर्स से लोकल व्यापार संकट में, GST दरें बढ़ाने की मांग: अखिलेश सेमवाल
भीमताल: देशभर में तेजी से बढ़ती ऑनलाइन शॉपिंग की प्रवृत्ति ने स्थानीय व्यापारियों के समक्ष गहरी चुनौती खड़ी कर दी है। बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेज़न और फ्लिपकार्ट की गहरी छूट और सस्ते दामों की नीति से पारंपरिक रिटेल व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए व्यापार मंडल के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अखिलेश सेमवाल ने सरकार से ऑनलाइन व्यापार पर सख्त टैक्स नीति लागू करने की मांग की है।
सेमवाल का कहना है कि छोटे दुकानदारों की आजीविका पर सीधा असर पड़ रहा है और यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो हजारों स्थानीय व्यापारी बेरोजगार हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, “ऑनलाइन खरीदारी पर GST दरों में वृद्धि की जानी चाहिए ताकि कीमतों में संतुलन आ सके और लोकल व्यापारी प्रतिस्पर्धा कर सकें।”
सेमवाल ने सुझाव दिया कि सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर 18% से अधिक की जीएसटी दर लागू करे, ताकि उनकी अत्यधिक छूट देने की नीति पर नियंत्रण लगाया जा सके। वर्तमान में जीएसटी की दरें 0% से लेकर 28% तक हैं, लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियां थोक खरीद और लॉजिस्टिक लाभ के कारण उपभोक्ताओं को बेहद सस्ते में उत्पाद उपलब्ध करा रही हैं, जिससे छोटे व्यापारी पिछड़ रहे हैं।
इसके साथ ही सेमवाल ने केंद्र सरकार से यह मांग भी की कि वह ऑनलाइन व्यापार के लिए एक स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण (Regulatory Authority) का गठन करे, जो ई-कॉमर्स और स्थानीय रिटेल के बीच विवादों का समाधान कर सके और बाजार में पारदर्शिता सुनिश्चित कर सके।
सेमवाल का मानना है कि यदि सरकार स्थानीय व्यापार को प्राथमिकता देती है और ई-कॉमर्स पर नकेल कसती है, तो देश की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा।












