आध्यात्मिक
जुम्मे की नमाज़ के बाद पत्थरबाजी मामले पर संतो ने की कड़ी निंदा, धर्मांतरण पर कही यह बात
हरिद्वार के निष्काम सेवा ट्रस्ट आश्रम में विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक के पहले दिन कुटुंब प्रबोधन विषय पर चर्चा की गई। बैठक में मौजूद साधु संतो और विहिप नेताओ ने धर्मांतरण, पत्थरबाजी, ज्ञानवापी, मठ, मंदिरों की सुरक्षा और सामान नागरिक संहिता समेत कई विषयों पर विचार रखे। कल बैठक के दूसरे दिन इन मुद्दों पर कई प्रस्ताव पास होंगे। बैठक से बाहर आए साधु संतो ने देश में हो रहे धर्मांतरण को गलत बताया। परमार्थ निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि जुम्मे की नमाज जिम्मेदारी की नमाज होती है, नमाज के दिन समाज में पत्थरबाजी करना गलत है।
उन्होंने धर्म विशेष के लोगो से संविधान का पालन करने की अपील की और कहा कि लोगो को शरीयत के साथ साथ शराफत का पालन भी करना चाहिए। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने बंगाल पंजाब की घटनाओं का जिक्र करते हुए धर्मांतरण को गलत बताया। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि विहिप की बैठक में मठ मंदिर, धर्मांतरण और कॉमन सिविल कोड पर एक अच्छा निर्णय आने वाला है। देश के मुसलमानो को ध्यान रखना होगा कि दुनिया मुस्लिम भारत में सबसे ज्यादा सुरक्षित है, वो ऐसा कदम न उठाएं जिससे देश के अन्य धर्म भी उनके खिलाफ हो जाएं।
विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में धर्मांतरण का मुद्दा गहराया। बैठक में मौजूद साधु संतो और विहिप नेताओ ने धर्मांतरण को गलत ठहराया। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज ने बंगाल और पंजाब का जिक्र करते हुए धर्मांतरण पर चिंता व्यक्त की। परमार्थ निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष चिदानंद मुनि महाराज ने धर्मांतरण पर रोक लगाने की बात कही। उन्होंने यूपी में जुम्मे की नमाज वाले दिन हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जुम्मे की नमाज जिम्मेदारी की नमाज होती है, नमाज में पत्थरबाजी बहुत गलत है। लोगो को संविधान का पालन करना चाहिए। शरीयत के साथ साथ शराफत का पालन करना चाहिए।