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उत्तराखण्ड

हल्द्वानी: पुलिस के बाद अब प्रशासन के रडार पर आया भगोड़ा ठेकेदार धनंजय, अब यह संपत्ति होगी नीलाम

हल्द्वानी: कभी प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में प्रभावशाली चेहरा माना जाने वाला ठेकेदार धनंजय गिरी आज कानून के कठघरे में खड़ा है और इस बार दांव पर है उसकी संपत्ति लगनी शुरू हो गई है। वर्षों तक अपने रसूख और राजनीतिक पहुंच के बल पर नियमों की आंखों में धूल झोंकने वाला यह शख्स अब सरकारी तंत्र की सख्ती के सामने नतमस्तक होता दिख रहा है।

प्रथम श्रेणी न्यायिक अधिकारी एवं परगनाधिकारी राहुल शाह की अदालत ने सुभाष नगर स्थित धनंजय गिरी की 0.030 हेक्टेयर भूमि की नीलामी के आदेश पारित कर दिए हैं। लगभग 84 लाख 37 हजार रुपये मूल्य की इस भूमि को अब 20 अगस्त को हल्द्वानी तहसील परिसर में सार्वजनिक रूप से नीलाम किया जाएगा।

धनंजय गिरी पर कुल 3 करोड़ 29 लाख 55 हजार रुपये की वसूली लंबित है। जिसमें 28 लाख 52 हजार रुपये राज्य कर विभाग से और 3 करोड़ 1 लाख रुपये ब्रिडकुल से संबंधित बकाया हैं। यह कार्रवाई वर्षों से लंबित नोटिसों की उपेक्षा और सरकारी आदेशों की अवहेलना का प्रत्यक्ष परिणाम है।

यह केवल एक राजस्व वसूली का मामला नहीं है। यह कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की, जो कथित राजनीतिक और प्रशासनिक संबंधों के चलते लंबे समय तक ‘अछूत’ बना रहा, लेकिन अंततः कानून के चक्रव्यूह से बाहर न निकल सका।

धोखाधड़ी के गंभीर आरोप भी धनंजय गिरी की छवि पर गहरे दाग की तरह अंकित हैं। वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी बीएल फिरमाल ने धनंजय गिरी के विरुद्ध काठगोदाम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि धनंजय ने उन्हें एक फ्लैट बेचने के नाम पर 5 लाख रुपये लिए, जबकि वह संपत्ति पहले से ही बैंक के ऋण तले दबी हुई थी।

सूत्रों की मानें तो धनंजय पर पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। कभी ठेकेदारी की आड़ में स्थानीय सत्ता संरचना का हिस्सा माने जाने वाला यह व्यक्ति अब फरार चल रहा है। पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है, और साथ ही प्रशासन और पुलिस उसकी गतिविधियों में सहयोग देने वालों पर भी पैनी नजर रखे हुए है। सूत्रों के अनुसार धनंजय हल्द्वानी के सत्ताधारी नेताओं के संपर्क में लगातार बना रहता है, जिससे वह स्थानीय पुलिस पर अपना दबाव बनाने में कामयाब हो जाता है,वही पुलिस के कुछ दरोगा बाबू ने भी ठेकेदार धनंजय गिरी के साथ प्रॉपर्टी और ब्याज पर पैसे लगाए थे,

यह प्रकरण न केवल एक व्यक्ति विशेष की गिरावट का दस्तावेज है, बल्कि एक चेतावनी भी कि चाहे कितनी भी ऊंची उड़ान भर ली जाए, अंततः कानून के आकाश से कोई परे नहीं। देखने वाली बात यह होगी क्या अब भी पुलिस धनंजय को गिरफ्तार कर पाएगी या पूर्व की तरह फिर सफेदपोशों के प्रभाव में आकर धनंजय को फरार करवाने में सहयोग करेगी।

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