उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री बदलने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर गिर सकती है गाज… आख़िर क्यों गुमराह करते रहे कौशिक।
उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता भाजपा से यही सवाल कर रही है, कि विधायकों को राज्य की जनता द्वारा चुना है या फिर दिल्ली आलाकमान ने…? मुख्यमंत्री बदलने से लेकर जनता के कई सवालों के जवाब भाजपा के पास नही है।
संवैधानिक संकट व मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत सरकार में कैबिनेट मंत्री द्वारा राज्य की जनता को गुमराह करने का काम किया जा रहा था, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व मंत्री मण्डल को निर्वाचन एवं संविधान की जानकारी पुख्ता नही थी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक द्वारा लगातार यही बयान दिए जा रहे थे कि गंगोत्री विधानसभा उपचुनाव में तीरथ रावत को प्रत्याशी बनाया जा रहा है। कायदे से प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाले प्रदेश अध्यक्ष पर भी गाज गिरनी तय बताई जा रही है।
सूत्रों की माने तो दिल्ली हाईकमान द्वारा मुख्यमंत्री बदलने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की भी संभावना है। भाजपा के इस कार्यकाल में एक के बाद एक मुख्यमंत्री बदलने से लगता है, चुनाव तक भी नए मुख्यमंत्री रहेंगे या नही।
सीधे तौर पर भाजपा के पास पहले से ही जवाब नही था कि त्रिवेन्द्र रावत को क्यों हटाया गया था, अब तीरथ रावत को हटाने पर जनता का एक सवाल और खड़ा हो गया। जिसका जवाब देवभूमि की देवतुल्य जनता विधानसभा चुनाव में जरूर देने वाली है…
मानो राज्य की जनता के पांच साल यूं ही खराब कर दिए गए हैं। ठीक चुनाव के समय मोदी फैक्टर का प्रयोग किया जाएगा, पर अब जनता का सामना हक़ीकत से हो ही गया। आगामी विधानसभा में जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर भाजपा द्वारा वोट मांगे जाएंगे…? यह भी बड़ी चुनौती है, शायद इसीलिए चिंतन भी किया गया था। चिंतन मंथन खत्म होते ही मुख्यमंत्री बदला गया।
त्रिवेन्द्र रावत को गैरसैण विधानसभा से दिल्ली तलब किया गया था, अब तीरथ रावत को रामनगर में चिंतन बैठक से दिल्ली तलब कर दिया गया था। दिल्ली तलब करते ही मुख्यमंत्री के बदलने को लेकर कयास लगने का दौर शुरू हो गया था। अब देखते है नई चुनौतियों के साथ प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी धुरंधर कैबिनेट मंत्रियों के बीच अपना कार्यकाल कैसे निभाते हैं…?
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी दो बार के खटीमा विधायक हैं। पुष्कर धामी को पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का करीबी माना जाता है। पुष्कर धामी युवा विधायक के साथ-साथ ऊर्जावान है, युवा को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी के पीछे पार्टी की बहुत बड़ी राजनीतिक गणित होगी। युवा मुख्यमंत्री की कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्रियों से काम लेना आसान नहीं होगा।
उधर राज्य के मैदानी क्षेत्र से भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री बनाया गया है, जिसके बाद कुमाऊँ व गढ़वाल का तालमेल बैठाने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष गढ़वाल के पहाड़ी जिलों से बनाने की मांग पार्टी फोरम पर उठने लगी है। जिससे यह साप होता है, कि वर्तमान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को हटाया जा सकता है।